Tuesday, April 21, 2020

शहर की कहानी,,ये कहानी है रायपुर शहर की ,,जो आज छत्तीसगढ़ की राजधानी है,जो,,आज से लगभग 600 वर्ष पूर्व एक गाँव मात्र था,, रतनपुर उन दिनों छत्तीसगढ़ के हैहय कलचुरी शासकों की राजधानी हुआ करती थी,,,ऐसे में राजवंश के आपसी बटवारे ने,,रायपुर नगर के जन्म की पृष्ठभूमि रखी,,,हैहय वंशी शासकों ने शिवनाथ नदी को विभाजक रेखा मानते हुए,,उस पार के 18 गढ़ रतनपुर के हिस्से गए और शेष 18 गढ़ दूसरी शाखा को मिले,,और तभी खोज शुरू हुई एक नई राजधानी की,,,कुछ वक्त तक के लिये खल्लारी भी कलचुरी राजनीतिक केंद्र बनी,,आखिरकार राजा ब्रह्मदेव राय के शासन में हैहय वंशी राजधानी की खोज खत्म हुई,,,खारुन नदी के किनारे  जिसे आज भी हम रायपुरा ग्राम के नाम से जानते है,,,समय था 1409 ईसवी,,रायपुर शहर के नामकरण को लेकर इतिहास कारो में विभिन्न मत प्रचलित है,,, जैसा कि रायपुरा नाम से ही पता लगता है,,कि यह राय शब्द से निकला है,,राय अर्थात राजा,,राजा ब्रह्मदेव राय एवम उनके पिता रामचंद्र राय दोनों ही शासकों के साथ राय शब्द जुड़ा हुआ था,,,इसलिये 



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