Monday, March 6, 2023

आम्र नूनचरा

आम्र नूनचुरा,,,

रे ग्रीष्म !!! जब कर्क वृत में तुम दहकते हो,,तो ये दरख़्त बौराता है,,,वो खास शख्सियत बड़ा आम है  ,,,फलों का शहंशाह ,,खैर कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है पर इन्ही बौरों से प्रस्फुटित होती है बिना चेर की चट्ट खट्टी केरियाँ ,,,, हरी ,,अपरिपक्व डंगालों में फागुन से लगकर सावन के झूले झूलती,,, हजरात इसी दौरे कमसिनी में,, जब इन्हें हिंदवीं मसालों के कलेवर सुपर्द कर दिया जावे तो कमाल न हो ,,ये मुमकिन नही,,,नुंनचरा ऐसी ही बंदिश है,, छिलके सहित ,,गुठली रहित जुवेनाइल आम्र और सरसों ,,दानों से सजे एक ऐसी जुगलबन्दी का,,,,जिसे झट बनाओ ,,सप्ताहान्त तक खाओ,,,कर्दम कुरदम,,कुरदम कर्दम,,,लिज़्ज़त लिज़्ज़त नूनचरा,,,
            सफेद भात मदमस्त हो कर कह उट्ठे ,,कोई साक अब नही लगेगा,,बोरे बासी पर नावों सी उफल पड़ेगीं ,,,या फिर चपातियों में मसालों संग लपेट देवें ,,पोंगरी या थोड़े शिष्ट होकर कन्हे तो रोल  अस के यशस्वी होगा जो ,,,लार ग्रन्थियों का अतिरेक तौलेंगी ,,,, 

गर फिरदौस चटखारे कंही है,,तो यंही हैं यंही है यंही है ,,टाइप,, इन नुंनचरास की प्रथम खेप कीर्ति भाभी ने आज रिलीज़ की,,किसी जहीन ड्रेस डिजाइनर की तरह ,,और हमारी रसोईयां आत्मसमर्पण के सफेद झंडे के साथ प्रस्तुत हो गई,,,,खाँटी छत्तीसगढ़ी जज़्बातों का तरन्नुम,,,पेशे  खिदमत है ,,,आम्र नूनचुरा