Friday, June 21, 2019

मानसून

पर्यटन को निकली बूंदे,,
नीले सागर से उठकर कारे बादर चढी
फिर मेरे आँगन  ,,टिप टिप बरस पड़ी
स्वागत है चिर अतिथि,,अपनी महक बिखरा दो
जल भून गई भूरी माटी,, शुष्क हृदय हरिया दो!!!

Saturday, June 1, 2019

बेहरम है वक्त साथी जाग अब
मजिस्ट्रेट मुर्दा रहे मुमकिन नही
संगठन के शान पे है मकड़ियां
दिल जले गुर्दा जले,, पर महफ़िल नही
आहवान करती है ,, हमारी अस्मिता
साथ हो तो कोई मुश्किल,,, मुश्किल नही