Sunday, January 7, 2018

संजू

मेरे अजीज तू कब गया है छोड़ कर
यूँ लगे मुस्कुराता खड़ा है उस मोड़ पर!!
हमारे किस्से आज भी उड़ते है साथ साथ
नीली पतंग के जो चुराई थी माँजा तोड़ कर
तेरे कमाल से आज भी फिसलती है उंगलिया
औऱ वो गोटियां जो बच गई कैरम के बोर्ड पर
मैं मैं तो हु और तू भी मुझमे रहता है
हमारे बचपन की चादर को ओढ़ कर,,,,

जन्म दिन की बधाई,, संजू भाई