Tuesday, October 15, 2019

मृत्यु

जब मैं मर जावउँग तब  क्यू दुखी होना
कर्जदार के मैयत में,,सिक्के नही उछाले जाते
बयाना जो बांकी है वो  बेफिक्र हो वसूल कर लो
हकदार की हकीकत से  जज़बात नही आंके जाते

मृत्यु से पहले

मृत्यु से पहले वो जिंदा था
या फिर शायद नहीं
वो मरने के बाद,,,,अब महसूस कर पाया
कि जिंदा है,,मर कर भी
अनुभव

Thursday, October 3, 2019

गांधी जी स्वर्ग में आश्वश्त होकर बस सोने ही जा रहे थे,,उनकी जयंती पे कम से कम एक दिन शराब बंदी और पशुवध हिंसा से मुक्त था,,और ठीक उसी वक्त पृथ्वी लोक से शोर उठा,,,मादर चोद,,, ठांय ठांय,, बुलठू भैया अपनी आखिरी छुरेबाजी के मुजायरे के बाद छाती में गोली खा कर औंधे पड़े थे,,,पर कातिल कांप रहा था,,, क्योंकि बुलठू पाठक मरते मरते भी बोला,, फेर आंहु मादर चोद,,रुक
                रायपुर शहर इन दिनों काफी बदल चुका है,,अस्सी के दशक में 10 थाना छेत्रों से