Wednesday, September 16, 2020

खेत मे धान ज्यों बढ़े,,तब माहू आया,,हरा फिर भूरा,,,कीटनाशक छींट कर माहू से मुक्ति तो हो ली,,पर धान अब रसायन से लतपथ था,,,यही चावल शरीर को स्टार्च देगा,,हमारी कोशिकाओं तक रसायन की दखल,,,ये एक रासायनिक युद्ध है,,,आपके और मेरे ऊतकों में ज़हरीली रसायन की परतें चढ़ी जा रही है,,,शासन मजबूर है सब्सिडी को,,उर्वरकों ,,कीटनाशकों ,,के रूप में उत्पादक किसानों तक पहुचाने के लिए,,किसान मजबूर है,,,बाज़ार की मांग पे धान उगाने के लिए,,जहर ऊगा कर हम जहर हजम कर रहे है,,,आखिर ये चक्र कैसे टूटे,,,
             दिपावली में आपके घर जो रोशनी होती है,,उसपर माहू धान का रस पीकर मंडराते है,,,

Tuesday, September 15, 2020

उफ़ ये उन्माद का दौर है,,,,लोग चीख रहें है,,,जिंदाबाद मुर्दाबाद,,, भय ,,जय पराजय,,,खोखले सपनों और गलीच आत्मस्वाभिमान की प्रवंचना का दौर,,,,,,हमारी आंखों का मोतियाबिंद पकने लगा है,, इलेट्रॉनिक मीडिया के निर्लज्ज  कैमरे हाँफते हुए दौड़ रहे है,,,,रिया के पीछे ,,,,कुछ तो बताइए,,,,क्या आपने मारा राजपूत को,,,, गांजा पीती है,,,,देश जानना चाहता है,,,,,कई स्वघोषित अभिमन्यु ,,चक्रव्युह में अकेले योद्धाओं से भिड़ रहें है,,,,,
            राफेल ,,,,अपाची ,,,न जाने कितनी मिसाईल बीजिंग और इस्लामाबाद में छोड़ आये,,,हम जीत चुके है,,हिंदुस्तान जिंदाबाद,,,गदर फ़िल्म का नायक तारा सिंह नारा लगा रहा है,,,,कभी यही मीडिया ,,खबर दिखाती थी,,पाकिस्तान करोंना में तबाह हो जाएगा,,अब डब्लू एच ओ,, ने प्रशंसा कर दी तो फिर ,,क्या कहें,,,,,
                       प्रश्न ये है,,कि क्या करोंना के वायरस ने मष्तिष्क में खलल पैदा कर दी है,,की हम नीद में भी बड़बड़ा रहे है,,,आपदा के दौर में ब्रिटेन के सबसे अतिवादी नायक चर्चिल ने अपने देश के लोगों को प्रलाप से बचाकर,,, प्रयास में जुटाया था,,,परिणाम था,,हिटलर की वायुसेना के पूरे बम समाप्त हो गए,,पर ब्रिटेन टस से मस न हुआ,,,,तो साहिबान खोखली खबरों के चटखारे पेट का हाजमा ही खराब करेंगे,,,,,,लब्बोलुआब यह है,,कि ग्लेडिएटर के दर्शकों की तरह,,,सत्ता को प्रेरित न करें कि आपको खूनी कुश्ती का नजारा दिखाए,,,,,युद्ध उन्माद हो या फिर आत्महत्या की शहीद कथा,,,,,ऐसी खबरों से बेहतर है,,, किसी पेड़ की पत्तियां गिन लें

Sunday, September 13, 2020

हिंदी दिवस को मैंने उसे,,,
गन्दी गाली दी
क्यू कि,,, 
इसी वर्तनी का बचा अर्थ था
 ,,शेष व्यर्थ था,,





भाषा अब वो जूठन है जो कचरे में फेंक दी जानी चाहिए,,आज के इंसान को संवाद के लिये क्या भाषा चाहिए,,,क्योंकि हम जो बोल रहे है,,,वो डाटा है भाषा नही,,,, शोले में गब्बर कहता है,,कितने आदमी थे,,,आज की पूरी भाषा ही ऐसी है,,,डाटा बेस,,, जब हम सम्वेदनाओं की जगह केवल फैक्ट्स का आदान प्रदान कर रहे है,,,,,कैसे हो ,,,वाट्स एप,,मेसेज,,,बेहतर,, उत्तर,,,कन्हा हो,,,ऑफिस,,कब आओगे ,,शाम तक,,फिर मिलते है,,,,भाषा शुध्दि की 

Wednesday, September 9, 2020

कायर

कायर संग कोविड की कारस्तानी,,,,,एक चेतावनी
देश की सरहद में ,जंगे हालात है,, चीनी सेना इस जद्दोजहद में है कि हमारे उत्तरी अभेद्य हिमशिखरों के दर्रों से होकर ,,,हिन्दुसानी शाख को दुनिया के सामने राख कर सके,,पर हमारे सेना के जज़्बे और तैयारी को सलाम ,,,चीनी चूहों को अब तक वो दरार ही नही मिली कि उनके नापाक इरादे कामयाब हो सके,,,,,क्या यही मुक्कमल तैयारी हमने ,,,इस चीनी वायरस के खिलाफ भी कर रक्खी है जो हमारे घर परिवार के दरवाजे दरार खोज रहा है,,,शायद नही,,,,,आंकड़े तो यही कह रहे है
              कुछ दिनों से कई जवां मौतों की खबर रोज का किस्सा हो चला है,,हृदय घात,,,, क्या ये सम्भव है कि 40 ,,50 उम्र के चलते फिरते लोग यू अचानक कार्डिक अरेस्ट की चपेट में एक साथ रुख सत ले रहे हो,,जनाब ये सीधा इशारा है,,,हम करोंना के दहशत ओर अफवाहों की गफलत के शिकार है,,,ताजुब्ब होता है कि वाट्स एप की ग्रुप के जहीन ओर तथाकथित दानिशमंद लोग,,,करोंना टेस्ट का न केवल विरोध कर रहे है बल्कि दुसरो को भी अपनी जहालत का शिकार बना कर ,,टेस्ट कराने से रोकते मिलते है,,ये अपराध है,,,किसी भय से कांपते शुतुरमुर्ग के जानिब रेत में सर छुपाने जैसा,,, और इस बकवास का नतिजा भुगतते है आप,,आपके अजीज,,,जब कोविड आपके फेफड़ो में काई की तरह अपनी बस्ती बना लेता है,,तब सीरियस लम्हो में हम आई सी यू के लायक ही रह जाते है,,जंहा अब तिल भर की जगह नही,,,सभी नामी गिरामी हस्पताल अब लबालब है,,,क्या कीजियेगा,,अपने परिजनों के धीर्मी पड़ती सांसों में प्राणवायु फुकने के लिए,,,,अपराधी आप खुद है
               राज्य शासन ने हर स्तर पे तैयारी कर रक्खी है,,,पर सबसे जरूरी है टेस्ट,,,,हम घर मे खांसते खाखरते ,,,खुद के डर को छुपाते ,,,यह यंकी कर चुके है कि मौसमी बुखार है,,,अरे धिक्कार है,,,जब रोज आपके चारो ओर चिताएं जल रही हो तब इतनी असावधानी,,,आज हमारे पास करोंना से लड़ने के सभी साधन मौजूद है,,वो भी घर मे बैठ कर,,पर तब जब शुरुआत में ही टेस्ट हो जाये,,जंहा दो तीन दिनों की देरी हुई ,,मतलब चीनी वायरस की चौकियां आपके फेफड़ो में जम जाएंगी,,ओर हस्पताल का एक बिस्तर नाहक ही आपकी गलती से भरेगा,,,जो हमे पहले ही पता लग जाये ,,की मर्ज क्या है होम आइसोलेशन के सहारे घर पर ही 9 से 10 दिन में करोंना की हार तय है,,पर पहले हम अपने डर से तो जीते
               मुझे यंकी है सरहद में हम मुस्तैद है पर क्या ये मुस्तेदी घर पर जरूरी नही,,जंहा दांव पर बस आप नही आपके बुजुर्ग,,बच्चे पड़ोसी सभी लगे हो,,,पिछले 14 दिन के अपने अनुभव से ओर ऐसे शुतुरमुर्गी प्रतिभाओ से बात कर यह कटुता मैंने पाई है जो उगल रहा हु,,,,करोंना का टेस्ट ही आपको ओर परिवार को बचा सकता है,,साथ ही शासन के संसाधनों का कुशल प्रबंधन करने का रास्ता बनाता है,,इस लिए हे न्यूज चैनल में देश प्रेम का रसास्वादन करते बुद्धि जीवियों,,,सरहद की चिंता छोड़ो,,पहले अपने घर की दरारों पे मुस्तैद हो जाओ ,,ओर भगवान के वास्ते लक्छण मिलते ही टेस्ट करवाओ

अनुभव ,(टेस्ट और होम आइसोलेशन के भरोसे आज 14 दिन बाद मेरा परिवार भी सुरक्छित है)

Tuesday, September 8, 2020

महफ़िल मेरे पाटन की रह रह के महक रही
कोविड तेरी वजह से बेजार हो गया हूं
अब तो विदाई लेले फेफड़ो से मेरे
अपनो से जाम  टकराने बेकरार हो गया हूं