Friday, December 19, 2014

चुनाव होता तो है लोकतंत्र का महा उतस्व ..फेर मोहल्ला का पार्षद चुनाव...मने समुद्र मंथन ...इस पंच वर्षीय प्रक्रिया में खालहे में बैठा सबो किसम का खादा उफ्ला जाता है ...भाँती भाँती के जमीनी नेता अंकुरित हो जाता है .. बल्लू के टिकिस पक्का हे ...सीधा दिल्ली ले....कौन बल्लू रे ...काका अपना टेटका बल्लू ...शराबी ...काका ये दारी तोर आखिरी मतदान हे

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