Friday, February 3, 2023

प्रशासन में प्रेमचंद

प्रशासन में प्रेमचंद

शासन की नीतियों को धरातल पे लागू करने वाला औजार है प्रशासन,, जो जितना उन्नत होगा,,उतने ही लोक हित कारी परिणाम मिलेंगे,,ऐसे ठोस और व्यवहारिक छेत्र में महान कथाकार प्रेमचंद की सम्वेदनाओं की कल्पना पहली नजर में कुछ बेमेल सी जान पड़ती है,,,पर जरा गौर करें तो इस कल्पना में से कमाल की तस्वीर बनती है,,जो आज के प्रशासन को कई नए आयाम  दे सकती हैं,
       1936 के गोदान का होरी किसान आज भी भारत के गांवों में,,दो बीघे जमीन और सामाजिक मरजाद के बीच पीसता हुआ मिल जाता है,,हमारी तहसील और कलेक्ट्रेट में अर्जी लिए ,,,और  उद्योगपति मिस्टर खन्ना आज भी जमीन अधिग्रहण कर खेतों को कारखानों में तब्दील करने के जतन में लगे हैं,,, प्रशासनिक अधिकारी इन दो भिन्न जिंदगियों के बीच आज अपनी नीतियों संग तालमेल बिठाते बैठा है,,जाहिर है होरी के दारिद्र ,,और मिस्टर खन्ना की महत्वाकांक्षा की पृष्ठभूमि जाने बिना,,हम कुछ बेहतर नही कर सकते,,,प्रेमचंद इन्ही गहरी सम्वेदनाओं को उकेरते है,,,,
             

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