Thursday, August 18, 2022

फुलवा

ध्रुवों को लांघ कर फुलवा आई,,बेलुदी

आर्कटिक के टुंड्रा मैदान जल्द जमने लगेंगे,,,गनीमत है,,घोसले छोड़ कर,,यंहा पैदा हुई नई पीढ़ी अपने पालकों के संग उड़ने को तैयार हो गई,,,,हिन्द महासागर के समुद्र तटों के लिए,,,लगभग 4 हजार किलोमीटर की  कठिन पर हैरतअंगेज यात्रा,,,, भारतीय उपमहाद्वीप के अंदरूनी पोखरों ,,झीलों में पहुच कर ये परिंदे कुछ दिन सुस्ताते है और आनंद लेते हैं देशी जायकों ,,रीढ़ विहीन केचुओं ,,,मोल्सकों,,, और कीड़ों का
         इन अतिथियों से अब पाटन का बेलुदी जलाशय भी गुलजार हो रहा है,,,पेसिफिक गोल्डन प्लोवर,,,वैज्ञानिक नाम,,,पी . फुलवा,,,,पांच छह की संख्या में ,,,जलाशय के आस पास स्वेम्प लैंड में फुदक रही है,,,,हरी घांस की पृष्ठभूमि में काली सफेद और कुछ सुनहरी चित्ती लिए,,,इनदिनों हुई बारिश ने ,,,किस्म किस्म के कीटों ,,से माटी को भर दिया है,,लम्बी हवाई यात्रा की थकान अलग से ,,,तो ये परिंदे भोजन का लुफ्त उठा रहे है चुहुक रहें है,,,और हम जैसे आतिथ्य अधिकारियों से तस्वीरे खिंचवा रहे हैं ,,इठला इठला के,,,कुछ दिन और ये फिर निकल पड़ेंगी ,,तटीय छेत्रों की ओर,,,जंहा गर्मियों तक जमेगी महफ़िल,,
तो जनाब जो इस सौंदर्य की झलक लेनी हो तो आ जाएं बेलुदी,,,,

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