Wednesday, June 13, 2018

उसकी आँखों मे तमीज थी
बांहों से नीचे फ़टी कमीज थी
डिक्रियो का फोल्डर भारी था
उम्मीद हल्की थी पद सरकारी था
इंटरव्यूह भर मेहनत से मुस्कराता रहा
आदर्शो की भाषा से मेज सजाता रहा

बहरहाल ,,ख्वाब बेरोजगार है

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