मोर खेत के धरसा,,,
धुर्रा उड़ात
खड़ खड़ खड़ खड़
कन्हिया लचकात,,
सरपट सरपट भागत हे,,,
डामर पोते,,करिया होगे
डबरा नरवा,,तरिया होंगे
पुलिया ,चघिस त परिया होगे
धुंगिया में खर्र खर्र खाँसत हे
खेड़हा,,करमत्ता,मुनगा,,मुरई
कुकरी ,,मछरी,,,औ दूध दही
रेजा मिस्त्री,,,संग नाउ बढई
सब्बो पटरी नहाकत हे
ट्राला रेती गिट्टी गोंजाय
बैला उल्ला,,,टेक्टर फन्दाय
करर्स करर्स,,हारन बजाय
सइकिल हौंडा ल तिरावत हे
धरसा हर हॉट !!बे होगे
कार ,टरक बस के होंगे
ज्महनी डेहरी येदे होगे
बत्ती बत्ती बिचकावत हे
अनुभव,,
No comments:
Post a Comment