जाने कब बड़ी हुई,,
कल की ही तो बात है
मेरी अंगुलियां थाम कर,,खड़ी हुई
तुतलाते ,,आँशु टपकाते,,,कहती थी
मैं टीका नही लगाउंगी
डाक्टर अंकल नहीं है अच्छे
मैं अस्पताल नही जावूगी
तुमको थामे उस टीके की टीस,,
मैं महसूस करता
मीठी गोली तुम्हारे मुख में रख कर
उतरे हुए भावों में मुस्कान भरता
फिर उस रोज जब ,,
मैंने देखा
सफेद एप्रॉन पे स्टेटेथेसकोप लटकाए,,
मुस्कुराहट बिखेरती
डॉक्टर हंसिका,,
,,तुमने कहा,,
पापा ,,
अब आपकी बांहो में मैं टीका लगाउंगी
सौभाग्य !!! ईश्वर तुझे और सामर्थ्य दे
मेरी बिटिया रानी,,हैप्पी बर्थ डे,,,
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