जब मैं मर जावउँग तब क्यू दुखी होना कर्जदार के मैयत में,,सिक्के नही उछाले जाते बयाना जो बांकी है वो बेफिक्र हो वसूल कर लो हकदार की हकीकत से जज़बात नही आंके जाते
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