बरबट्टी आलू
कांसे की थाली में एक ओर गर्म भात ,भूरी दाल,,, तिल छिटकी बिजौरी,,,,और कोने में बरबट्टी आलू,,,माँ के हाथ सन कर कौर गाँव ,,,औऱ नगर बन जम गए,,,राजिम,,रायपुर,,,नवापारा,,और कुकेरा,, निवाले पे निवाला,,,गर्म है तो फूंक लो,,,मिरची है तो थोड़ा पानी,,,स्वाद वो जो आज तक जीभ भिगो देता है,,,नारियल का तेल बालों
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