स्वयम की समस्त सम्वेदनाएँ समेटे
वर्ष भर,,आज के ही वास्ते
शनैः शनै स्मृतियों को सहेजते
बैठता हु,,की आज हमारे पाणिग्रहण की उक्त संध्या में,,हमारे इष्टजनों ने,,तुम्हारे समस्त दायित्व मुझे,,और मेरे समस्त कर्तव्य तुम्हे समर्पित करते हुए,,सात जन्मों के लिए
श्रेष्ठ दान ,,,कन्या दान अर्पित किया,,मैं कृतार्थ हो गया,,,यद्यपि इस यात्रा में हम यायावर से नि योजित हुए परन्तु आज हमारे कुटुम्ब में परिणय की
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