अत्याचारी गनित,,,
गनित जैसा अत्याचारी बिषय कोई है,,लाभ हानि ले प्रतिशत तक ,,,ढंग ढंग का टेडगा पिचका समीकरण ,,,साला एक को समझो तो दूसरा विचित्र सवाल,,,औ सबो का उत्तर अलग अलग ,,,,यही धोखेबाजी पिल्लू भाई को कभी नही पोसाया ,,,सबो को एक आँखि से देखने का उनका अपना गणित था,,,
अब ये बात उन्होंने बिषय बिशेषज्ञ डिस्टिक्सन धारी बिनोद को भी समझाने की ठानी,,,गनित तय हुआ की लाइब्रेरी में नवा गन्ध से ममहाति उपकार की विषरामरत गाइड का थप्पी टॉप कर दूसरा स्कूल का पढ़ाकू छात्र प्रजाति को विक्रय किया जावे,,,औ प्राप्त लाभ का लुत्फ़ लिया जावे,,,बिनोद की स्वच्छ छबि के कारण किताब उड़ाने का सहांसी कार्य उसके हिस्से और बिक्रय का जनसम्परकीय कार्य पिल्लू भैया के हवाले ,,पिल्लू भैया ने बिनोद को गणित की भाषा में ही समझाया,,लाभ का फिफ्टी परशेंट तुम्हारा बाँकी हमारा,,,तय समीकरण के अनुसार कुल ढाई सौ रूपया प्राप्त हुए ,,,लेकिन इन्हा दुनो पक्छ गड़बड़ा गया
पिल्लू भैया ने पचास रूपया का नोट बिनोद को दिया,,ये रहा तुम्हारा हिस्सा,,बिनोद बोले ,,अबे बात तो फिफ्टी परशेंट का हुआ था,,ठीक बात,,फेर ढाई सौ का फिफ्टी परशेंट कितना हुआ,,,पिल्लू भैया बोले ,,पचास रूपया,,,जो तेरे को लहुटा दिया,, बिनोद खिसया गया बोले भाई फिफ्टी परशेंट तो सवा सौ होता है ,,पिल्लू भाई गुस्सा गए ,,देख मोला गनित में कमजोर समझ के चुतिया झन बना,,,परशेंट माने सौ ,,,सौ में पचास का बात हुआ था ,,,,बाँकी बांचा हमारा,,,अबे लेकिन फिफ्टी परशेंट तो 125 होता है किसी से भी पूछ ले ,,,बिनोद कंझाया ,,,मोला तो इतना समझ आता है की प्रतिशत माने सौ औ सौ में पचास का बात हुआ था ,,बाँकी किसी से क्यों गुरूजी से पूछाना है तो पूछा,,,पिल्लू भाई तन गए ,,औ घण्टो बिनोद कागज में जबकि जमा जमा के उनको प्रतिशत समझता रहा,,,लेकिन भाई का गनित डगमग नही हुआ ,,,
आज तक बेचारा बिनोद गुरूजी अपना बिद्यार्थियो को प्रतिशत कंझा कंझा के पढाते है औ पिल्लू भाई मोहल्ला के पार्षद बन गए है ,,अत्याचारी गनित
अनुभव
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