Friday, February 10, 2012

जन गन मन अधिनायक जय हो,, भारत के अब भाग्य विधाता ,,

बटाला हॉउस माँ रोगहा पुलिस ,,बना दिस शमशान 
धर्म निरपेक्छ्ता काला कैथे ,,,सन्न पड़े सविधान ,,

इक दू ठन एक ४७ बर ,,,अतका टोटा फाडिस
देश भक्त लईका मन ला ,,दौड़ा दौड़ा के मारिस ,,

उत्तर प्रदेश चुनाव के बेरा,,सब्बो के सुरता आथे,,
अल्पसंख्यक आंशु पोंछे बर ,,जेन जेन भी जाथे,,

जोन देश के लाज बेच के ,,,ऐसे गद्दी पाता
तेकर जन गन मन अधिनायक जय हो,, भारत के अब भाग्य विधाता ,,

अनुभव

Thursday, February 9, 2012

भारत का रास्ट्रीय पर्व ,,,वेलेनटाइन डे,,,,,

श्री राम ने हजारो वर्षो पहले लंका विजय की थी ,,,लेकिन आज भी दक्छिन भारत तक दीपावली की रौशनी नहीं पहुच पाई है ,,,होली के रंग भी केवल मध्य भारत तक ही बिखरते है ,,,लेकिन एक त्यौहार जो नब्बे के दशक में पहले पहल भारत में आयातित हुआ ,,, केवल कुछ ही सालो में भारत वर्ष के हर एक कोने में उसकी धूम देखते ही बनती है ,,,सात समुन्दर पार से विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति को संत वेलेनटाइन का प्रेम भरा आशीर्वाद ,,,वेलेनटाइन डे
आवश्यकता अविष्कार की जननी है ,,,यह फलसफा इस पर्व पे सटीक बैठता है ,,विदेशी अतिक्रमण की दुहाई देने वाले ,,यह नहीं देख पाते की मदर्स डे ,, बदर डे या फिर ,,फादर डे जैसे दुसरे विदेशी पर्व ,,भारत में फ्लॉप रहे ,,स्वाभाविक है ,,हमारी संस्कृति पिता ,भाई या माँ के सम्मान के लिए कम मौके नहीं देती ,,,लेकिन प्रेम के प्रति हमारी दुहरी सोंच ने ही एक विदेशी त्यौहार को यह मौका दिया की ,,,वो गोपियों और कृष्ण की मुक्त प्रेम लीलाओं को पूजने वाले देश में ,,अपनी पैठ बना सके ,,,,,,खुलेपन के इस दौर के प्रेमी से यह अपेक्षा करना की वो छुप छुप के अपनी प्रेमिका की एक झलक पा कर केवल आन्हे भरे या फिर किसी ऐसे मौके की तलाश में रहे ,,जब उसकी प्रेयशी सबकी नजरो से दूर ,,अकेले में उसे प्रणय निवेदन के लिए मिले तो ,,,यह बात केवल ,,सांस्कृतिक ठेकेदारों को खुश कर सकती है ,चाहे हम चांहे या न चाहे युवा पीढ़ी ने साल का एक दिन अपने प्रेम के मुक्त प्रदर्शन के लिए चुन लिया है ,,,,या अपनी संस्कृति में ऐसे मौके पैदा करे जो प्रेम को अभिव्यक्त होने का मौका दे ,,या फिर अपने घर के बगीचे से भी गुलाब के फुल गायब होने का इंतजार कीजिये ,,,,
हैप्पी वेलेनटाइन डे ,,,,,,,,अनुभव